आयकर दाताओं को विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए नोटिस का जवाब जरूर देना चाहिए। यदि करदाता नोटिस का जवाब अथवा स्पष्टीकरण नहीं देता है तो मान लिया जाता है कि आयकर विभाग के पास पहुंची सूचना सही है। ऐसे में आयकर अधिनियम के तहत असेसमेंट ऑर्डर पास किया जाता है। विभाग के पास अनेक स्रोतों जैसे बैंक, म्युचुअल फंड, निबंधन विभाग, सूचीबद्ध कंपनियों, डाकघर आदि से सूचनाएं आती हैं ।