ब्राइटकॉम ग्रुप को लेकर पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बड़ा फैसला लिया है। सेबी ने ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड (बीजीएल) के प्रमुख निवेशक शंकर शर्मा को तरजीही आवंटन में मिले स्टॉक को बेचने से रोक दिया गया है।
सेबी ने कहा है कि तरजीही आवंटन की आय हड़प ली गई। इसमें ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड, एम. सुरेश कुमार रेड्डी (बीजीएल के प्रमोटर-सह-सीएमडी), और नारायण राजू (सीएफओ) शामिल थे। इन्होंने रसीद को गलत तरीके से इस्तेमाल करने के लिए बीजीएल के स्वयं के फंड की सर्कुलर तरीके से राउंड-ट्रिपिंग की। आदेश में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया ने कहा कि ब्राइटकॉम के सीएमडी और सीएफओ अगले आदेश तक किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या उसकी सहायक कंपनियों में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति का पद संभालना बंद कर देंगे।
गलत जानकारी देने का आरोप
शंकर शर्मा को वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 37.70 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 1,50,00,000 वारंट (बाद में 9 मार्च, 2022 को शेयरों में परिवर्तित) आवंटित किए गए, थे। इसके एवज में कंपनी ने दावा किया कि उसे कुल 56.65 करोड़ रुपये मिले हैं।हालांकि, बार-बार याद दिलाने के बाद भी बीजीएल अपने बैंक खातों में शंकर शर्मा से वारंट/शेयर आवेदन राशि की प्राप्ति के दस्तावेजी साक्ष्य प्रदान करने में विफल रही। बीजीएल को शंकर शर्मा से 25.7936 करोड़ रुपये मिले थे। इसके बाद शंकर शर्मा ने 25 जुलाई और 26 जुलाई, 2023 को ईमेल के जरिए सेबी को सूचित किया कि उन्होंने बीजीएल के एचडीएफसी बैंक खाते में वारंट आवेदन राशि के लिए 14.19 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इस संबंध में उन्होंने अपने बैंक अकाउंट स्टेटमेंट की कॉपी जमा की। हालांकि, सेबी के आदेश में कहा गया है कि उक्त बयानों में राशि को छोड़कर, लेनदेन के सभी विवरण छिपाए गए थे।
सेबी को नहीं दी पूरी जानकारी
सेबी ने बार-बार शंकर शर्मा से आवंटित वारंट/शेयरों के संबंध में बीजीएल को किए गए भुगतान के संबंध में जानकारी और सहायक दस्तावेज प्राप्त करने का प्रयास किया है। हालांकि, शंकर शर्मा ने अभी तक सेबी को पूरी जानकारी और दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं कराए हैं। सेबी ने आदेश में कहा, ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड, एम. सुरेश कुमार रेड्डी (बीजीएल के प्रमोटर-सह-सीएमडी), और नारायण राजू (सीएफओ) तरजीही आवंटन और साइफनिंग के आवंटियों से प्रतिफल की प्राप्ति को गलत तरीके से यूज करने के लिए बीजीएल के स्वयं के फंड की राउंड-ट्रिपिंग में शामिल थे। सेबी के आदेश में कहा गया है कि एम. सुरेश कुमार रेड्डी को अगले आदेश तक किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिभूतियों की खरीद, बिक्री या लेनदेन करने से रोका जाता है।